बहुत सुन्दर, बधाई---आपका हार्दिक स्वागत हैचाँद, बादल और शाम
अच्छा है, लिखते रहिये.
सबने हमको ये बतलायाकिस्मत में मेरी जुदाई थीकल ही हुई वो मुझसे पराई थी"ओह किस्मत भी न जाने क्या क्या एक पल मे दिखा दे...."Regards
वाह क्या दर्द है भाई !!ऐसी ही मुँह की खानीमैने भी है खाई॥कब उठी थी उनकी डोली कि अपनी रूमाल आपने आँसुओं से धोली … बहुत अच्छे … क्या पंक्तियाँ हैं आशा करता हूँ हर रोज़ ऐसी ही मधुर पंक्तियों के साथ मेरी सुबह होगी।
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4 comments:
बहुत सुन्दर, बधाई
---आपका हार्दिक स्वागत है
चाँद, बादल और शाम
अच्छा है, लिखते रहिये.
सबने हमको ये बतलाया
किस्मत में मेरी जुदाई थी
कल ही हुई वो मुझसे पराई थी
"ओह किस्मत भी न जाने क्या क्या एक पल मे दिखा दे...."
Regards
वाह क्या दर्द है भाई !!
ऐसी ही मुँह की खानी
मैने भी है खाई॥
कब उठी थी उनकी डोली
कि अपनी रूमाल
आपने आँसुओं से धोली …
बहुत अच्छे … क्या पंक्तियाँ हैं
आशा करता हूँ हर रोज़ ऐसी ही मधुर पंक्तियों के साथ मेरी सुबह होगी।
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